देश में 22 अवैध चिड़िया बाजार, सबसे बड़ा बाजार लखनऊ के नक्खास में 

Update: 2017-11-09 19:03 GMT
वन्यप्राणी, जीवजंतु को कैद करके रखना भारतीय वन अधिनियम 1972 के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में आता है।

लखनऊ। जीवजंतु को कैद करके रखना भारतीय वन अधिनियम 1972 के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में आता है, लेकिन लखनऊ के नक्खास में अधिनियम खुलेआम उल्लंघन किया जाता है, यहां की चिड़िया बाजार में एक छोटे पिजड़े में दस-दस पक्षियों को रखकर बेचा जा रहा है।

सरकार की रोक बावजूद लखनऊ के नक्खास में देसी और विदेशी चिड़ियों को धड़ल्ले से बेचने का कारोबार चल रहा है। "देश में सबसे बड़ा अवैध चिड़िया बाजार नक्खास में है। इसे तुरंत बंद किया जाना चाहिए। यहां विदेशी और देशी चिड़िया खुलेआम बेची जाती हैं। मैंने खुद नक्खास जाकर पक्षियों को मुक्त कराया है। राज्य सरकार के सहयोग से नक्खास का अवैध बाजार बंद कराया जाएगा।" हाल ही में लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित टॉक-शो कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने कहा।

लखनऊ के नक्खास में है देश का सबसे बड़ा चिड़िया बाजार। 

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देश में 22 अवैध चिड़िया बाजार हैं। दूसरा बड़ा बाजार मेरठ जिले में है। "अधिनियम के तहत कुछ ऐसे पशु-पक्षी है जिनकी बिक्री पर रोक लगी हुई। ऐसे पक्षी नक्खास के बाजारों में अगर छापे के समय मिलते है तो उन पर सख्त कार्यवाही की जाती है। लव बर्ड समेत कई ऐसी चिड़ियां है, जिनको बेचना प्रतिबधिंत नहीं है। बाजार को पूर्णतया बंद नहीं कराया जा सकता है क्योंकि वो उस बाजार में ऐसे पशु- पक्षियों की खरीद-फरोख्त पर कोई रोक नहीं है, "प्रधान मुख्य वन संरक्षक, उत्तर प्रदेश, एसके उपाध्याय ने बताया।

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वन्यप्राणी, जीवजंतु को कैद करके रखना भारतीय वन अधिनियम 1972 के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में आता है। यदि कोई वन्य जीवों की बिक्री करते पाया जाता है तो उस पर वन अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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बिहार के हरिहर क्षेत्र में चल रहे सोनपुर मेले में इस बार चिड़ियों की चहचहाहट नहीं सुनाई दी और न ही खरीदार देश-विदेश की चिड़ियों को ही खरीद सकें। चिड़ियों की खरीद-बिक्री को रोक लगाने के लिए पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर प्रशासन ने सोनपुर मेले में आकर्षण का केंद्र 'चिड़िया बाजार' पर रोक लगा दी है।

दरअसल, पटना उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई थी। इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत चिड़ियों की खरीद-बिक्री पर रोक लगाने के आदेश सरकार को दिए थे, जिसके तहत इसको रोका गया। हर साल सोनपुर मेले में लगने वाले पक्षी बाजार में लाखों की संख्या में लोग आते हैं। यहां देसी और विदेशी चिड़ियां लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करती थीं।

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लखनऊ जिले के डीएफओ मनोज कुमार ने बताया, "अवैध चल रहे बाजारों के लिए सरकार सख्त नियम बनाए गए है। समय-समय पर वन विभाग द्वारा टीम भी जाती है। लेकिन एक समय के बाद लोग फिर से शुरु कर देते हैं। अक्टूबर में ही बाजार में छापा मारा गया जिसमें कई देशी-विदेशी पक्षियों को पकड़ा गया। सरकार के साथ-साथ लोगों को जागरूक होने की जरुरत है कि वो पशु-पक्षियों की खरीद न करें।"

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