उत्तर प्रदेश के सीतापुर में 12 घंटे में एक ही जगह पर दो बार पटरी से उतरी ट्रेन

Update: 2017-09-19 10:28 GMT
सीतापुर में रेल हादसा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सीतापुर में मंगलवार सुबह एक मालगाड़ी का इंजन पटरी से उतर गया। हालांकि इससे कोई बड़े नुकसान होने की जानकारी नहीं है, लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि इसी स्थान पर सोमवार रात को भी बालामऊ-बुढ़वल पैसेंजर ट्रेन 54322 का इंजन पटरी से उतर गया था। ऐसे में इस तरह की घटनाओं को रेलवे की बड़ी लापरवाही कही जा सकती है।

सोमवार रात हुई थी एक पैसेंजर ट्रेन डिरेल

सोमवार रात को सीतापुर के इसी जगह में बालामऊ-बुढवल पैसेंजर ट्रेन डिरेल हो गई। यह बुढवल से बालामऊ जा रही थी। सीतापुर कैंट स्टेशन से कुछ दूरी पर रेलवे क्रासिंग करते समय ट्रेन के इंजन के दो डिब्बे पटरी से उतर गए। हालंकि हादसे के बाद सभी यात्री सुरक्षित रहे।

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रेलवे अधिकारियों ने की जांच, फिर हुआ दूसरा हादसा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जब सोमवार ट्रेन डिरेल की सूचना मिली तो रेलवे के आलाधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर जांच पड़ताल शुरू कर दी। लेकिन दूसरे ही दिन उसी स्पॉट पर एक और हादसा होना रेलवे की बड़ी लापरवाही को उजागर करता है। यहसंयोग रहा कि इन दोनों घटनाओं में कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ नहीं तो ऐसी लापरवाही से फिर कोई बड़ी दुर्घटना घट सकती थी।

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पिछले कुछ दिनों में हुए हादसे

बता दें कि 14 सितंबर को जम्मू-दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस गुरुवार को पटरी से उतर गई थी। हालांकि, इसमें कोई हताहत नहीं हुआ था। वहीं, सात सितंबर को रांची राजधानी एक्‍सप्रेस पटरी से उतर गई थी। दिल्‍ली में शिवाजी ब्रिज स्‍टेशन के पास ट्रेन का इंजन और एक पावर कार पटरी से उतर गई। ट्रेन रांची से नई दिल्‍ली आ रही थी।

सात सितंबर को ही उत्‍तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में हावड़ा से जबलपुर जा रही शक्तिपुंज एक्‍सप्रेस के सात डिब्‍बे पटरी से उतर गए थे। इसमें भी कोई हताहत नहीं हुआ था। वहीं, 3 सितंबर को मध्य प्रदेश के सतना रेलवे स्टेशन के रेलवे यार्ड में सेटिंग के दौरान माल गाड़ी के आधा दर्जन डिब्बे पटरी से उतर गए थे।

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हाल ही में रेल हादसों में हुई मौतें

इससे पहले उत्कल एक्सप्रेस हादसे में 24 लोगों की मौत हुई थी। हीराकुंड एक्सप्रेस हादसे में 40 से ज्यादा मौतें हुई थीं। वहीं, महाकौशल एक्सप्रेस के पटरी से उतर जाने पर 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।

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